तुझसे दूर जाकर भी
गई नहीं मैं कहीं
यहीं हूँ मैं
तेरे आस - पास
कभी बादलों में
कभी घटाओं में
कभी फिज़ांओं में
कभी हवाओं में
कभी गीत में
कभी संगीत में
कभी तेरी धडकनों में
कभी तेरी साँसों में
कभी दिन में
कभी रातों में
कभी सपनों में
कभी नींदों में
बस इतनी सी इल्तजा़ है
तू मुझे महसूस तो कर
© मधु अरोरा
१/१०/२०१३