कभी सुबह में
कभी रात में
कभी गर्मी में
कभी बरसात में
कभी सच में
कभी झूठ में
कभी दूर से
कभी पास से
कभी आस से
कभी विश्वास से
कभी दिल से
कभी रस्म-ओ-रिवाज़ से
मेरे हमसफ़र
मेरे हमनफस
कभी दिल-ओ-हाल मेरा
तू पूछता तो सही
मै जागती हूँ
या सोती हूँ
या तेरी याद में
दिन भर रोती हूँ
जिंदा हूँ साँस लेती हूँ
या कब्र में आराम से सोती हूँ
२९/११/२०११
मधु अरोरा