सो गयी है ज़मीन
पथरा गया है देवता
सिसक रहे हैं ज़ख्म
मर गयी है आत्मा
धड़कने खोयी सी हैं
ऑंखें रोई सी हैं
मद्धम सी हैं सांसें
जिंदा है अभी प्यार यहाँ
सुलग रहे हैं अरमान
लगता है मरा है कोई कल यहाँ
१३/३/२००७
पथरा गया है देवता
सिसक रहे हैं ज़ख्म
मर गयी है आत्मा
धड़कने खोयी सी हैं
ऑंखें रोई सी हैं
मद्धम सी हैं सांसें
जिंदा है अभी प्यार यहाँ
सुलग रहे हैं अरमान
लगता है मरा है कोई कल यहाँ
१३/३/२००७