Tuesday, June 18, 2013

क्या तुम मुझे….



















अक्सर
कुछ टूटे फूटे से शब्द
जब भी मैंने
कहे तुमसे 
वो बन गए अर्थपूर्ण 
एक ग़ज़ल 

थक के
बहुत टूट गयी हूँ मैं 
चाहती हूँ 
खुद को समर्पित
कर दूं तुमको 
क्या तुम मुझे…. 

© मधु अरोरा 
१७ / ६ / १३