कृपया अपने बहुमूल्य विचार अवश्य व्यक्त करें
Tuesday, April 24, 2007
कल रात जब मैंने
कल रात जब मैंने
आस्था का दीप जलाया
अमावस में भी
मेरी खिड़की पर
पूरा चांद उतर आया
हौले से मेरे करीब
मेरा प्यार मुसकाया
१९/४/२००७
माँ कहती है
माँ कहती है
देवता
पत्थर के होते हैं
वो हमारे रोम रोम में बसते हैं
और हमें दिखते नही
जिस दिन से
तुम्हें चाहा
अपनी सांसों में बसाया
तुम भी दिखे नही
और पत्थर हो गए
३/४/2007
मैं जिंदा हूँ
ना आओ लॉट कर अभी
मैं जिंदा हूँ
सांसें दे रही हैं गवाही
मैं जिंदा हूँ
आँखों में हैं अश्क भरे
धड़कने थमी हैं
पर होश अभी है बाकी
मैं जिंदा हूँ
१६/४/२००७
Monday, April 23, 2007
तेरे चले जाने के बाद
गुजरी
मेरे दिल पे क्या
तेरे चले जाने के बाद
कभी देखा नही पलट के भी
मुझ से रूठ जाने के बाद
कतल कर दे कोई
और ख़ून ना गिरे
यूँ मुँह छिपाया
मुझ से रूठ जाने के बाद
रोना ना एक भी आंसू
मेरे मर जाने के बाद
सुनो
तुम्हें मेरी क़सम है
१०/४/२००७
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