Monday, December 31, 2007

मई चाहती रहूंगी तुम्हें


ना आये गर सूरज तो क्या

दिन रूठ ता नही उस से
ना आये गर चाँद कभी

रात भूलती नही उसे
सूख जाये नदी अगर

पानी भूलता नही उसे

ना दिखो तुम भी अगर

दिल भूलता नही तुम्हें

न चाहो गर तुम मुझे

मई चाहती रहूंगी तुम्हें

Sunday, July 15, 2007

अपनी ख़ुशी के लिए




कहीँ मिलता है सूरज
उमर भर के लिए


किसी को मयस्सर नही
किरण भी जिन्दगी के लिए
कोई हँसता है तो
निकल आते हैं आंसू
किसी के पास सिर्फ आंसू
उम्र भर के लिए
लगता नही किसी का दिल
अकेले में
किसी के नसीब में है
सिर्फ अकेलापन
हर घड़ी के लिए
कोई सजाता है महफ़िलें
अपनी ख़ुशी के लिए
कोई बचता है महफिलों से
अपनी ख़ुशी के लिए
२१/६/२००७

Sunday, May 13, 2007

कोई मरा है कल यहाँ


सो गयी है ज़मीन
पथरा गया है देवता
सिसक रहे हैं ज़ख्म
मर गयी है आत्मा
धड़कने खोयी सी हैं
ऑंखें रोई सी हैं
मद्धम सी हैं सांसें
जिंदा है अभी प्यार यहाँ
सुलग रहे हैं अरमान
लगता है मरा है कोई कल यहाँ
१३/३/२००७

Saturday, May 12, 2007

दो रह जाते हैं


शितिज पर

ज़मीन आस्मान

एक हो जाते हैं

हाथ मिला कर

दो दुश्मन एक हो जाते हैं

सुना है दो आत्माओं का

मिलान भी

फिर तुम और मैं

गले मिल कर भी

क्यों दो रह जाते हैं

९/५/२००७

गुजरी मेरे दिल पे क्या



गुजरी मेरे दिल पे क्या


तेर चले जाने के बाद


कभी देखा नही पलट के भी


मुझ से रूठ जाने के बाद


कतल कर दे कोई


और ख़ून ना गिरे


यूँ मुँह छुपाया


मुझ से रूठ जाने के बाद


रोना ना एक भी आंसू
मेरे मर जाने के बाद

१०/४/२००७

Tuesday, May 8, 2007

प्यार का जनाज़ा


सुनो एक दिन
मेरे प्यार का
जनाज़ा सज़ा देना
दो तिनके लगाकर
मेरी चिता सज़ा देना
मेरी तस्वीर ना मिले
ना सही
सिर्फ याद कर लेना
और उस पर बस एक
रुमाल उड़ देना
जब होश में रहो
तो उसे आग लगा देना
बची रख को
हवा में उड़ देना
और यूँ मेरा नाम
अपने जेहन से मिटा देना
आये ना एक भी आंसू
इस बात का रखना ख़याल
और उसके बाद कभी
मुझे याद ना करना
२३/४/२००७

Saturday, May 5, 2007

पा ही लूंगी मैं


ना आओ तुम
तो कोई बात नही
पा ही लूंगी
मई तुम्हें
इक रोज़
उस लोक में
जहाँ
सारे बन्धन
रस्मों रिवाजो को तोड़ कर
दो आत्मायें मिलती हैं
वहाँ
दो आत्माओं का मिलान
कोई रोक ना पाया है
८/४/२००७

मैं खुश हूँ


मैं खुश हूँ
चांद अब भी चमकता है
तेरे जीने पे
मेरी खुशबु आती है
अब भी तेरे पसीने में
मेरा दिल धड़कता है
अब भी तेरे सीने में
१०/२/२००७

Friday, May 4, 2007

इंतज़ार


खामोश नज़रें
इजहार करती हैं
तेर आने का इंतज़ार
करती हैं
मेरे कन-कन में
बसा है तू ही तू
रुकी रुकी से सांसें
तेरा इंतज़ार करती हैं
६/२/२००७


Tuesday, April 24, 2007

कल रात जब मैंने


कल रात जब मैंने

आस्था का दीप जलाया

अमावस में भी

मेरी खिड़की पर

पूरा चांद उतर आया

हौले से मेरे करीब

मेरा प्यार मुसकाया

१९/४/२००७

माँ कहती है


माँ कहती है

देवता

पत्थर के होते हैं

वो हमारे रोम रोम में बसते हैं

और हमें दिखते नही

जिस दिन से

तुम्हें चाहा

अपनी सांसों में बसाया

तुम भी दिखे नही

और पत्थर हो गए
३/४/2007

मैं जिंदा हूँ


ना आओ लॉट कर अभी
मैं जिंदा हूँ
सांसें दे रही हैं गवाही
मैं जिंदा हूँ
आँखों में हैं अश्क भरे
धड़कने थमी हैं
पर होश अभी है बाकी
मैं जिंदा हूँ
१६/४/२००७


Monday, April 23, 2007

तेरे चले जाने के बाद


गुजरी मेरे दिल पे क्या
तेरे चले जाने के बाद
कभी देखा नही पलट के भी
मुझ से रूठ जाने के बाद
कतल कर दे कोई
और ख़ून ना गिरे
यूँ मुँह छिपाया
मुझ से रूठ जाने के बाद
रोना ना एक भी आंसू
मेरे मर जाने के बाद
सुनो
तुम्हें मेरी क़सम है
१०/४/२००७