तुझे भुला के जिंदा रहूँ
वो लम्हा कभी नही आता
बसा है तू जो मेरी सांसों में
मेरी रूह में उत्तर क्यूँ नही जाता
अपने हाथों में मेरा हाथ लिये
तू वक्त क्यूँ नही बिताता
तू पास रहे मेरे हर वक्त
वो वक्त क्यूँ नही आता
जिस घड़ी तू पास हो मेरे
तब वक्त ठहर क्यूँ नही जाता
२६/०१/२००९
वो लम्हा कभी नही आता
बसा है तू जो मेरी सांसों में
मेरी रूह में उत्तर क्यूँ नही जाता
अपने हाथों में मेरा हाथ लिये
तू वक्त क्यूँ नही बिताता
तू पास रहे मेरे हर वक्त
वो वक्त क्यूँ नही आता
जिस घड़ी तू पास हो मेरे
तब वक्त ठहर क्यूँ नही जाता
२६/०१/२००९