Tuesday, January 27, 2009

क्यूँ नही आता


तुझे भुला के जिंदा रहूँ

वो लम्हा कभी नही आता

बसा है तू जो मेरी सांसों में

मेरी रूह में उत्तर क्यूँ नही जाता

अपने हाथों में मेरा हाथ लिये

तू वक्त क्यूँ नही बिताता

तू पास रहे मेरे हर वक्त

वो वक्त क्यूँ नही आता

जिस घड़ी तू पास हो मेरे

तब वक्त ठहर क्यूँ नही जाता

२६/०१/२००९

Saturday, January 17, 2009

मुश्किल


तुम्हारे मोहपाश में बंधकर
अपना
सब कुछ अर्पण कर
कितना
मुश्किल है
तुम्हें
भुला पाना
पर
उस से भी मुश्किल है
तुम्हें
मेरी याद दिलाना

बहुत
आसान सा है
हर
पल तुम्हें याद कर
तुम्हारे
ख्वाब आना
पर
उस से भी मुश्किल है
हर
रात को
नींद
का आना
१६/०१/२००९