समर्पित उन्हें
जिन्होंने ये दर्द दिया
मेरे शब्दों का
हर लम्हा
जिनकी याद में जिया
मचलती रही सांसें
शब्द लरजते रहे
मिलने को उन्हें
हम हर पल
तड़पते रहे
जिनके लिए
जीवन समर्पित किया
मैंने उन्हें
क्या दिया
क्या न दिया
आज जुदा हूँ
तो कभी होगा मिलन
मैंने हर पल
ये जीवन
इसी आस में जिया
समर्पित उन्हें
जिन्होंने ये दर्द दिया
मेरे गीतों का
हर शब्द
जिनके संगीत में जिया
०६/०६/२००८