Monday, September 29, 2008

डरते हैं




प्यार हम तुझे
शिद्दत से करते हैं
तुझसे नही
अपनी खुशी से डरते हैं
वक्त के तकाजोंसे
डर लगता है

इस लिए तुझे
मिलने से डरते हैं
देखे हैं तपते
रेगिस्तान ज़िन्दगी के
अब आँधियों से डरते हैं
देखे हैं
हजारों गम हमने
अब तो खुशियों से भी
डरते हैं
२९/०९/२००८

Saturday, September 20, 2008

समर्पित उन्हें


समर्पित उन्हें
जिन्होंने ये दर्द दिया
मेरे शब्दों का
हर लम्हा
जिनकी याद में जिया

मचलती रही सांसें
शब्द लरजते रहे
मिलने को उन्हें
हम हर पल
तड़पते रहे

जिनके लिए
जीवन समर्पित किया
मैंने उन्हें
क्या दिया
क्या न दिया

आज जुदा हूँ

तो कभी होगा मिलन

मैंने हर पल

ये जीवन

इसी आस में जिया


समर्पित उन्हें

जिन्होंने ये दर्द दिया

मेरे गीतों का

हर शब्द

जिनके संगीत में जिया

०६/०६/२००८