कहीँ मिलता है सूरज
उमर भर के लिए
उमर भर के लिए
किसी को मयस्सर नही
किरण भी जिन्दगी के लिए
कोई हँसता है तो
निकल आते हैं आंसू
किसी के पास सिर्फ आंसू
उम्र भर के लिए
लगता नही किसी का दिल
अकेले में
अकेले में
किसी के नसीब में है
सिर्फ अकेलापन
हर घड़ी के लिए
कोई सजाता है महफ़िलें
अपनी ख़ुशी के लिए
कोई बचता है महफिलों से
अपनी ख़ुशी के लिए
२१/६/२००७