Wednesday, December 17, 2008
सपना
हर पल लगे
तू अपना
हर रात से
सुबह तक
ख्वाबों का बुनु
सपना
पर कैसे कहूँ
तुझे अपना
जब खो जाए
कहीं तू
बन के एक सपना
ख्वाबों से
हकीकत तक
हम हों बस
तन्हा तन्हा २१/१०/२००८
जिंदगी की किताब
Thursday, October 9, 2008
लाज का कफ़न
ख्वाबो की तरह
हर लम्हा टूटती रही
आंसूंओं की तरह
तुम ज़िन्दगी से फिसलते रहे
परछाई की तरह
तुम्हें पकड़ती रही
यादों की तरह
ख़ुद को समेटती रही
हर खरीददार बोली लगता रहा
और सरे बाज़ार
प्यार बिकता रहा
कांच सा दिल
ठोकरों से टूट ता रहा
रेत की तरह हाथ से
ज़र्रा ज़र्रा बिखरता रहा
दर्द सीप में
मोटी सा क़ैद रहा
लाज काआँचल
दागदार होकर भी
अरमानो की लाश पर
कफ़न सा बिछता रहा
६/१०/२००८
हर लम्हा टूटती रही
आंसूंओं की तरह
तुम ज़िन्दगी से फिसलते रहे
परछाई की तरह
तुम्हें पकड़ती रही
यादों की तरह
ख़ुद को समेटती रही
हर खरीददार बोली लगता रहा
और सरे बाज़ार
प्यार बिकता रहा
कांच सा दिल
ठोकरों से टूट ता रहा
रेत की तरह हाथ से
ज़र्रा ज़र्रा बिखरता रहा
दर्द सीप में
मोटी सा क़ैद रहा
लाज काआँचल
दागदार होकर भी
अरमानो की लाश पर
कफ़न सा बिछता रहा
६/१०/२००८
Wednesday, October 8, 2008
अगले जन्म
चलो कहीं दूर
क्यूँ है
Tuesday, October 7, 2008
तलाशी ले लो
तुम चाहे जितनी तलाशी ले लो
मेरे पास प्यार के सिवा कुछ भी नही
ये दिल जिसमें तुम बसते हो
मेरी धडकनों में धड़कते हो
इस दिल की तुम तलाशी ले लो
इस में तुम्हारी याद के सिवा कुछ भी नही
मेरे ख्वाबों में सिर्फ़ तुम बसते हो
हर तरफ़ तुम ही तुम दीखते हो इस आँखों की तुम तलाशी ले लो
इन में आंसुओं के सिवा कुछ भी नही
२७/१/२००८
Friday, October 3, 2008
लगता नही है दिल मेरा
बहुत उदास है दिल मेरा आज तेरे बिन
लगता नही है दिल मेरा आज तेरे बिन
बात करते करते रो देती हूँ
फिर कुछ सोच के हंस देती हूँ
कैसा है बावरा मन आज तेरे बिन
लगता नही है दिल मेरा आज तेरे बिन
न सोती हूँ न जगती हूँ
ख्वाबों में जैसे चलती हूँ
कभी आ के तो देख हाल मेरा आज तेरे बिन
बहुत उदास है दिल मेरा अज तेरे बिन
लगता नही है दिल मेरा आज तेरे बिन
०६/०४/२००८
Monday, September 29, 2008
Saturday, September 20, 2008
समर्पित उन्हें
समर्पित उन्हें
जिन्होंने ये दर्द दिया
मेरे शब्दों का
हर लम्हा
जिनकी याद में जिया
मचलती रही सांसें
शब्द लरजते रहे
मिलने को उन्हें
हम हर पल
तड़पते रहे
जिनके लिए
जीवन समर्पित किया
मैंने उन्हें
क्या दिया
क्या न दिया
आज जुदा हूँ
जिन्होंने ये दर्द दिया
मेरे शब्दों का
हर लम्हा
जिनकी याद में जिया
मचलती रही सांसें
शब्द लरजते रहे
मिलने को उन्हें
हम हर पल
तड़पते रहे
जिनके लिए
जीवन समर्पित किया
मैंने उन्हें
क्या दिया
क्या न दिया
आज जुदा हूँ
तो कभी होगा मिलन
मैंने हर पल
ये जीवन
इसी आस में जिया
समर्पित उन्हें
जिन्होंने ये दर्द दिया
मेरे गीतों का
हर शब्द
जिनके संगीत में जिया
०६/०६/२००८
Tuesday, August 12, 2008
Thursday, June 19, 2008
तुम्हारी तलाश थी
Saturday, June 7, 2008
सिर्फ़ मैं
Thursday, June 5, 2008
तू नही तो क्या हूँ मैं
Wednesday, June 4, 2008
अभी जिंदा हूँ
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