Friday, December 18, 2009

फासले



रिश्तों को दरम्यान
कुछ फासले हो गए हैं
कभी तुम दूर थे
आज हम हो गए हैं
जो कल तक कहते थे
जी ना सकेंगे
आज खुद हमसे
जुदा हो गए हैं
ना जीने की तमन्ना है
ना मरने का गम
आज हम कैसे
इन्सान हो गए हैं
०१/०४/२००९

Wednesday, April 29, 2009

क्या चाहते हैं



आपने कहा
हम आते हैं
पर आप
आते आते
रह जाते हैं
कभी कहा
हम बुलाते हैं
पर हमे
बुलाते बुलाते
रह जाते हैं
न जाने आप
क्या चाहते हैं
हमारे सपनो की तरह
आप भी हमे
हर रोज़
धोखा दे जाते हैं
१५/०४/०९

Monday, April 13, 2009

तुम्हारी याद









बसंती हवा सी
अल्हड
बे खौफ
मदमस्त
चली आती है
याद तुम्हारी
महका जाती है
सांसें हमारी
बहुत मुश्किल है
समझ पाना
कौन ज़्यादा
महकता है
तुम्हारे लाये
रजनीगंधा के फूल
या फ़िर
याद तुम्हारी
१३/०४/०९

Thursday, February 26, 2009

फिर आया फागुन


फिर आया फागुन

फिर आया फागुन

रंगों की बहार लाया

गुब्बारे पिचकारी

गुझिया चकली

प्रेम प्यार बढाने आया

बेला जूही पलाश महके

अंग अंग में मस्ती छलके

अब तुम भी आ जाओ

मोहे पीली चुनरी दिला जाओ

फिर आया फागुन

फिर आया फागुन

तुम भी आ जाओ
२०/०२/०९

Tuesday, February 24, 2009

भुला न सकोगे




भुला न सकोगे मुझे चाह कर तुम
मैं अक्सर तुम्हें याद आती रहूंगी
कभी ख्वाब बनकर कभी चाँद बनकर
मैं रातें तुम्हारी सजाती रहूंगी

पकड़ न सकोगे मुझे चाह कर तुम
मैं खुशबु सी फिजा में बिखर जाती रहूँगी
कभी साँस बनकर कभी हवा बनकर
मैं सांसें तुम्हारी सजाती रहूंगी

पा न सकोगे मुझे जीवन में तुम
मैं बार बार तुम्हें सताती रहूंगी
कभी दर्द बनकर कभी खुशी बनकर
मैं जीवन तुम्हारा महकाती रहूंगी
१०/०२/२००९

Thursday, February 12, 2009

याद

पानी का कतरा
आँख से
गिरे न गिरे
कोई आप को
याद करे न करे
हम वो शख्स हैं
जो आपको याद करेंगे
मरते दम तक भी

मौन भाषा

तुम्हें देख कर
अक्सर सोचा मैंने
तुम्हें देखा है कहीं
ख्वाब में
ख्याल में
या हकीकत में कहीं
या पिछले जनम कहीं
तुम्हारा चेहरा
कुछ पहचाना सा लगा
शब्द ढूंढती रही
पढने को
तुम्हारी आँखों की
मौन भाषा
१०/१२/२००८

Tuesday, January 27, 2009

क्यूँ नही आता


तुझे भुला के जिंदा रहूँ

वो लम्हा कभी नही आता

बसा है तू जो मेरी सांसों में

मेरी रूह में उत्तर क्यूँ नही जाता

अपने हाथों में मेरा हाथ लिये

तू वक्त क्यूँ नही बिताता

तू पास रहे मेरे हर वक्त

वो वक्त क्यूँ नही आता

जिस घड़ी तू पास हो मेरे

तब वक्त ठहर क्यूँ नही जाता

२६/०१/२००९

Saturday, January 17, 2009

मुश्किल


तुम्हारे मोहपाश में बंधकर
अपना
सब कुछ अर्पण कर
कितना
मुश्किल है
तुम्हें
भुला पाना
पर
उस से भी मुश्किल है
तुम्हें
मेरी याद दिलाना

बहुत
आसान सा है
हर
पल तुम्हें याद कर
तुम्हारे
ख्वाब आना
पर
उस से भी मुश्किल है
हर
रात को
नींद
का आना
१६/०१/२००९