Tuesday, October 1, 2013

यहीं हूँ मैं






















तुझसे दूर जाकर भी
गई नहीं मैं कहीं

यहीं हूँ मैं
तेरे आस - पास

कभी बादलों में
कभी घटाओं में

कभी फिज़ांओं में
कभी हवाओं में

कभी गीत में
कभी संगीत में

कभी तेरी धडकनों में
कभी तेरी साँसों में

कभी दिन में
कभी रातों में

कभी सपनों में
कभी नींदों में

बस इतनी सी इल्तजा़ है
तू मुझे महसूस तो कर

© मधु अरोरा
१/१०/२०१३

Monday, August 5, 2013

ज़िन्दगी - एक सफ़र


























इस मोड़ से शुरू हुआ था
एक सफ़र
तुम तक

इस मोड़ पर ख़त्म हुआ था 
एक सफ़र 
तुम तक 

इस मोड़ पर शुरू हुआ 
एक यादों का सफ़र 
तुम से तुम तक 

इस मोड़ पर ले आई ज़िन्दगी 
तन्हाई का है सफ़र
तुम बिन मगर तुम तक 

© मधु अरोरा 
०५ / ०८/ २०१३ 

Wednesday, July 3, 2013

एक कविता इंदोरियन के नाम

















कल मैंने
आसमान की तरफ मुंह करके
ये कहा
ऐ खुदा तेरे रहते
तेरे बंदों को
पीने का पानी भी मयय्सर नहीं
और फिर
बादल इस तरह बरसे
कि सारा आसमान खाली हो गया
और सब घरों में
पानी भर गया

© मधु अरोरा
४/७/२०१३

Tuesday, July 2, 2013

अजनबी शहर, अजनबी लोग


















ये कहाँ आ गए हम 
एक अजनबी से शहर में 

अन्जाना शहर
अन्जाने लोग 

पहचाने से चेहरे 
पर बेगाने लोग 

हमदर्द बनकर 
दिल दुखते लोग 

दर्द देकर 
मुस्कुराते लोग 

रिश्तों में इतने फासले 
फासलों के दरम्यान भी हैं द्रूरियां 

सबके चेहरों पर हैं मुखोटे कई 
रोज़ दिखते हैं रंग कई 

जाने कैसे कैसे आजमाते लोग 
हर पल में बदल जाते लोग 

ये कहाँ आ गए हम 
एक अजनबी से शहर मे…. 

© मधु अरोरा 
३०/ ०७/ २०१३ 

Tuesday, June 18, 2013

क्या तुम मुझे….



















अक्सर
कुछ टूटे फूटे से शब्द
जब भी मैंने
कहे तुमसे 
वो बन गए अर्थपूर्ण 
एक ग़ज़ल 

थक के
बहुत टूट गयी हूँ मैं 
चाहती हूँ 
खुद को समर्पित
कर दूं तुमको 
क्या तुम मुझे…. 

© मधु अरोरा 
१७ / ६ / १३ 

Tuesday, March 26, 2013

होली मुबारक




















मुझसे कोसों दूर तुम
मेरी हर सोच से अंजान 
मेरे हर ख्याल में तुम 
मै तुम्हारे ख्याल में 
कहीं नहीं
फिर  भी चाहता है दिल
तुमसे ये कहना 
होली मुबारक हो जाना 

26/3/2013
©मधु अरोरा