Sunday, September 18, 2011

चाहत नाम है मेरा

चाहत नाम है मेरा
ख्वाइशों के मकां में रहती हूँ

सबकी ख्वाइशों में
जिंदा रहती हूँ
कभी भूल से भी अपनी
ख्वाइशों का ज़िक्र न करती हूँ
चाहत नाम है मेरा .........

हरेक की हर ख्वाइश का 
ख्याल रखती हूँ
कोई मेरा ख्याल न करे 
तो कुछ न कहती हूँ
चाहत नाम है मेरा .....

किसी को ख़ुशी मिले
तो मै खुश हो लेती हूँ
किसी को दुःख हो
तो मैं रो लेती हूँ
चाहत नाम है मेरा .....

न कोई गिला शिकवा 
न शिकायत करती हूँ
चाहे कुछ भी हो
चुपचाप सह लेती हूँ
चाहत नाम है मेरा .....

लोग कहते हैं ये मनमानी है
पर मैंने सब के काम आने की ठानी है
सब को चाहना ही नियति है मेरी
पर बदले में कुछ न लेती हूँ
चाहत नाम है मेरा ......
१८/०९/२०११
मधु अरोरा

1 comment:

Unknown said...

Awesome Madhu mam..........