कृपया अपने बहुमूल्य विचार अवश्य व्यक्त करें
Saturday, January 17, 2009
मुश्किल
तुम्हारे
मोहपाश
में
बंधकर
अपना
सब
कुछ
अर्पण
कर
कितना
मुश्किल
है
तुम्हें
भुला
पाना
पर
उस
से
भी
मुश्किल
है
तुम्हें
मेरी
याद
दिलाना
बहुत
आसान
सा
है
हर
पल
तुम्हें
याद
कर
तुम्हारे
ख्वाब
आना
पर
उस
से
भी
मुश्किल
है
हर
रात
को
नींद
का
आना
१६
/
०१
/
२००९
1 comment:
ناذیہ نار
said...
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April 24, 2009 at 2:00 AM
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