Tuesday, November 22, 2011

दिल का दरवाज़ा




जब तेरे कदम कहीं और न डगमगाएं
जब तेरे दिल से बाकी सब उतर जाएँ

जब तुझे अचानक मेरी याद आ जाये
तेरे सीने का दिल मेरे लिए तड़प जाये

कोई रंजिश न दिल में रह जाये
जब सिर्फ मेरा बनने को जी चाहे

तब बेख़ौफ़ मेरी बाँहों में चले आना
दिल का दरवाज़ा खुला है सिर्फ तेरे लिए 
२३/११/२०११
मधु अरोरा

2 comments:

Rohan Vyas said...

MA'AM THIS ONE WAS OUTTAV THE WORLD.. :) lUVD IT SOOO VERY MUCH :) :)

ANDY LAL said...

Great :)