रोशन हों तेरी रातें
खुशियों का बसेरा हो
फिर चाहे जो भी
हाल मेरा हो
जलती रहे शमा
या दिल में अँधेरा हो
बंद हों जब आँखें
लबों पर नाम तेरा हो
बदन का कोई घाव
भरे या न भरे
लबों पर हो मुस्कान
सीने में दर्द गहरा हो
मुझे मिलें सारे रंज
तेरा मुस्कानों का सवेरा हो
तुझे हकीकत में वो मिले
जो सपने में तेरा हो
०१/०३/२००९
© मधु अरोरा
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