अगर तुम मेरी ज़िन्दगी में न आये होते
तो मैंने भी इतने ख्वाब न सजाये होते
रह लेती मै भी ज़िन्दगी भर तन्हा
अगर तुम न यूँ मुस्कुराये होते
मेरी भी रातों में रोज़ चाँद चमकता
आँखें खोलते ही रोज़ जो तुम नज़र आये होते
यूँ तन्हा न होता ज़िन्दगी का सफ़र
इतने ठिकाने जो तुमने अपने न बनाये होते
१४/७/२०१२
मधु अरोरा
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