Tuesday, May 8, 2007

प्यार का जनाज़ा


सुनो एक दिन
मेरे प्यार का
जनाज़ा सज़ा देना
दो तिनके लगाकर
मेरी चिता सज़ा देना
मेरी तस्वीर ना मिले
ना सही
सिर्फ याद कर लेना
और उस पर बस एक
रुमाल उड़ देना
जब होश में रहो
तो उसे आग लगा देना
बची रख को
हवा में उड़ देना
और यूँ मेरा नाम
अपने जेहन से मिटा देना
आये ना एक भी आंसू
इस बात का रखना ख़याल
और उसके बाद कभी
मुझे याद ना करना
२३/४/२००७

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