Saturday, May 5, 2007

पा ही लूंगी मैं


ना आओ तुम
तो कोई बात नही
पा ही लूंगी
मई तुम्हें
इक रोज़
उस लोक में
जहाँ
सारे बन्धन
रस्मों रिवाजो को तोड़ कर
दो आत्मायें मिलती हैं
वहाँ
दो आत्माओं का मिलान
कोई रोक ना पाया है
८/४/२००७

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