Saturday, January 17, 2009

मुश्किल


तुम्हारे मोहपाश में बंधकर
अपना
सब कुछ अर्पण कर
कितना
मुश्किल है
तुम्हें
भुला पाना
पर
उस से भी मुश्किल है
तुम्हें
मेरी याद दिलाना

बहुत
आसान सा है
हर
पल तुम्हें याद कर
तुम्हारे
ख्वाब आना
पर
उस से भी मुश्किल है
हर
रात को
नींद
का आना
१६/०१/२००९

1 comment:

Anonymous said...
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