Friday, December 16, 2011

सच है


जानती हूँ के तुमने मुझे
कभी पुकारा ही नहीं
फिर भी ये सच है
के रह रह के तुम बुलाते हो मुझे

है यकीं मुझे भी
के मैं तुमसे कभी मिली ही नहीं
फिर भी ये सच है
के मैं तुमसे जुदा भी नहीं

ये पागलपन है
या है दीवानापन
हुए हैं वो ही ख्वाब सच
जो हमने कभी बुने ही नहीं

कहने को है दूरी बहुत
या है मज़बूरी बहुत
सच है दिल से कभी
हम दूर हुए ही नहीं 
१५/१२/२०११ 
मधु अरोरा 

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