यदि प्यार करते हैं सब
फ़िर सभी को प्यार की प्यास क्यूँ है
तुझसे मिलने की है एक तड़प
तो तुझसे बिछड़ के भी तड़प क्यूँ है
तुझे न मिल पाना एक मज़बूरी है
तो तुझे मिलना भी जरुरी क्यूँ है
तुझसे मिलने के हैं दिन कम
तो तुझसे बिछड़ने के दिन कम क्यूँ हैं
तुझसे मिलना एक खुशी है
तो मेरे हिस्से में ये उदासी क्यूँ है
2 comments:
बढिया!!
बहुत खूब मधु !
आपने हमारे जीवन के खुबसूरत अहसास, पल और उलझनों को बड़ी सुन्दरता से अभिव्यक्त किया है !
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