Friday, October 3, 2008

लगता नही है दिल मेरा


बहुत उदास है दिल मेरा आज तेरे बिन

लगता नही है दिल मेरा आज तेरे बिन


बात करते करते रो देती हूँ

फिर कुछ सोच के हंस देती हूँ

कैसा है बावरा मन आज तेरे बिन

लगता नही है दिल मेरा आज तेरे बिन


न सोती हूँ न जगती हूँ

ख्वाबों में जैसे चलती हूँ

कभी आ के तो देख हाल मेरा आज तेरे बिन


बहुत उदास है दिल मेरा अज तेरे बिन

लगता नही है दिल मेरा आज तेरे बिन

०६/०४/२००८

3 comments:

Jitendra Gupta said...

aapki iss kavita ,mei woh ehsaas hai ,, jo ek virah mei hai,,

परमजीत सिहँ बाली said...

सोचा था आपकी ताजा रचना पढकर अपनी प्रतिक्रिया दे कर चला जाऊँगा लेकिन एक\एक कर बहुत से गीत पढ गया।लगता है सभी गीत बहुत गहराई में डूब कर लिखे हैं।बहुत सुन्दर लिखे हैं।आभार।

raj said...

i m just amazed when i just end up this page reading in one go.... its put me in the another world off dream & love. !! greetings