
हर पल लगे
तू अपना
हर रात से
सुबह तक
ख्वाबों का बुनु
सपना
पर कैसे कहूँ
तुझे अपना
जब खो जाए
कहीं तू
बन के एक सपना
ख्वाबों से
हकीकत तक
हम हों बस
तन्हा तन्हा २१/१०/२००८
तुम चाहे जितनी तलाशी ले लो
मेरे पास प्यार के सिवा कुछ भी नही
ये दिल जिसमें तुम बसते हो
मेरी धडकनों में धड़कते हो
इस दिल की तुम तलाशी ले लो
इस में तुम्हारी याद के सिवा कुछ भी नही
मेरे ख्वाबों में सिर्फ़ तुम बसते हो
हर तरफ़ तुम ही तुम दीखते हो इस आँखों की तुम तलाशी ले लो
इन में आंसुओं के सिवा कुछ भी नही
२७/१/२००८